SK Vision Event Watch: World Happiness Day 2024

आज का समय ऐसा आ गया है जहाँ लोगों को ख़ुशी ढूंढ़नी पड़ती है। लोग इतने व्यस्त हो गयें है की वो खुश रहना ही भूल गए हैं।

प्रसन्नता के सन्दर्भ में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भी सही कहा है की “खुशी वह है जो आपको जीवन का आनंद लेने में मदद करती है।” यह कथन सत्य भी है , यदि व्यक्ति खुश है तभी वह जीवन के छोटे से छोटे पलों का भी आनंद ले सकता है।


एक प्रसिद्ध शायर ने कहा है ” प्रसन्नता कभी भी समाप्त नही होती ! जब तक आप स्वयं न चाहें !!
यह कथन सत्य भी है यदि आप खुश रहना चाहते है तो छोटी से छोटी बातों पर भी ख़ुशी प्राप्त की जा सकती है।

प्रसन्नता किसी के समाप्त करने से समाप्त नहीं होती, ना ही इसकी कोई सीमा होती है। परिस्थितियों के कारण थोड़ी देर के लिए उदासी तो आ सकती है परन्तु उसमें भी व्यक्ति खुश रहने के बहाने ढूंढ लेता है।

जीवन में ख़ुशी के इसी महत्त्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह तय किया की हैप्पीनेस अर्थात खुश रहना हमारे मूलभूत अधिकारों में से एक होना चाहिए । जिसके फलस्वरूप ,संयुक्त राष्ट्र संघ ने २० मार्च २०१२ को “ वर्ल्ड हैप्पीनेस डे “ के रूप में मनाने की घोषणा की एवं २० मार्च २०१३ को सर्वप्रथम ” वर्ल्ड हैप्पीनेस डे ” अर्थात ” अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस ” मनाया गया।

वर्ष २०२४ का अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस – ‘रीकनेक्टिंग फॉर हैप्पीनेस बिल्डिंग रेसिलिएन्ट कम्यूनिटीज’ , की थीम के साथ मनाया गया।

SK Vision Foundation द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस का आयोजन :

SK Vision Foundation पिछले ४ वर्षों से अधिक समय से समाज कल्याण में कार्यरत ऐसी गैर सरकारी संस्था है, जो निरंतर अपने मूल उद्देश्यों जो नशा मुक्त समाज , अल्पसंख्यकों की शिक्षा एवं जरुरत मंदों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के कार्य को क्रियान्वित करने का निरंतर प्रयास कर रही है।

इस प्रयास में संस्था ने कई प्रकार की प्रतियोगिता , स्वास्थ्य जाँच , बच्चों को डिजिटल दुनिया से अवगत करने जैसे कार्य किये हैं।

अपने इन्हीं उद्देश्यों को पूर्ण करने के प्रयास में, संस्था द्वारा २० मार्च २०२४ को “अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस” का जश्न मनाया गया। हर वर्ष मनाये जाने वाले इस दिवस को , हमारी संस्था ने इस वर्ष , एक विशेष ( स्पेशल )बच्चों के विद्यालय में मनाने का निश्चय किया।

दिलशाद गार्डन स्थित अनुकृति स्पेशल स्कूल में इस दिवस को विशेष बच्चों के साथ मना कर उनको कुछ खुशियाँ देने
की कोशिश की।


इस आयोजन में संगीत और खेल का मेल कर बच्चों को आनंद देने का प्रयत्न किया गया। आयोजन में संगीत बजा कर बच्चों के मध्य एक बॉल पास की गई।

बॉल जीन बच्चों के हाँथ में रुकी , उन्हें उनके पसंद का कोई भी कार्य करना था। इस प्रक्रिया में कुछ बच्चों ने नृत्य किया , किसी ने गाना गाया तो किसी ने कविता प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों के मध्य लंच बॉक्स वितरित किये गए एवं सभी बच्चों के मध्य खाद्य सामग्री का वितरण कर इस दिन की समाप्ति की गई।

हमारी संस्था का उद्देश्य बच्चे जो मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं उनको ख़ुशी देना था । जिससे वो अपनी क्षमता को पहचान कर अपनी प्रतिभा को सबके सामने प्रस्तुत कर सकें । बच्चों ने भी इसमें पूर्ण उत्साह से भाग लिया एवं पूरा सहयोग दिया।

अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस का इतिहास एवं महत्त्व :-

जैसा की ऊपर वर्णन किया गया है “अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस” की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष २०१२ में की गई। एवं इसे प्रथम बार २० मार्च २०१३ में मनाया गया।

इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को खुश रहने के महत्व को बताना था , जिसे आजकल लोग कहीं न कहीं अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण भूलते जा रहें है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के महत्त्व को हम निम्न प्रकार से देख सकते हैं :

  • प्रसन्नता को मानव के एक मूल अधिकार के रूप में प्रस्तुत करना।
  • लोगों को प्रसन्नता के महत्व को समझाना।
  • खुश रहना कैसे आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने में सहायता करता है।
  • खुश रहने से लोग सकारात्मकता की और अग्रसर होते हैं।
  • खुश रहना आपको कई प्रकार की समस्या जैसे डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मेंटल हेल्‍थ (Mental Health) का बिगड़ना इत्यादि से भी छुटकारा देता है।

SK Vision Event Watch: World NGO Day 2024

हमारे देश एवं विदेशों में अक्सर ही कोई न कोई दिवस मनाया जाता रहा है, जो अपना एक विशेष महत्त्व रखता है। उसी प्रकार फरवरी में मनाया जाने वाला विश्व एनजीओ दिवस का भी अपना एक महत्त्व है।

विश्व एनजीओ दिवस, समाज में एनजीओ के महत्त्व को दर्शाने एवं वैश्विक मंच पर इसको प्रदर्शित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिवस हर वर्ष 27 फरवरी को मनाया जाता है।

इस दिवस के इतिहास, महत्त्व एवं उद्देश्यों की जानकारी प्राप्त कर , इन संगठनों के द्वारा समाज के विभिन्न भागों में पड़ने वाले प्रभाव, इनसे सम्बंधित मुद्दों एवं इसके कार्य क्षेत्र के विषय में विस्तृत जानकारी मिलती है।

निम्न लेख के माध्यम से हम एनजीओ दिवस के इतिहास एवं महत्त्व की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2010 में डेनमार्क में हुई थी।

इसकी शुरुआत समाज में व्यक्ति, सरकारी संस्थान , व्यवसाय एवं गैर सरकारी संस्थाओं के मध्य सहयोग एवं संबंधों को बढ़ावा देना था। वैसे तो इसकी शुरुआत 2010 में हो गई थी परन्तु 2014 में इसे सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई।

प्रथम बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2014 में विश्व एनजीओ दिवस मनाया गया था। उस दिन के बाद से पूरी दुनिया में एनजीओ के योगदान के विषय में जानकारी फ़ैलाने एवं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में इसके कार्यकर्ताओं द्वारा किये जाने वाले अथक प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस दिवस का आयोजन किया जाने लगा।

विश्व एनजीओ दिवस , इस बात पर भी प्रकाश डालता है की कैसे देश में ये गैर सरकारी संगठन सामाजिक मुद्दों को सम्बोधित करता है, विभिन्न क्षेत्रों में अपने अधिकारों तक पहुँचने एवं जीवन में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विश्व एनजीओ दिवस का मुख्य उद्देश्य, सामाजिक विकाश में एनजीओ द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानना, उसे प्रोत्साहन देना एवं उसके सहायक वातावरण बनाना होता है।
इसके माध्यम से लोगों को, गैर सरकारी संगठनों के प्रति जागरूक करने ,उनकी उपलब्धियों को बढ़ावा देने एवं लोगों को सामाजिक कार्य में अपना योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाता है।

यह CSR के माध्यम से भी लोगों से जुड़ती है एवं समाज कार्य को और निपुणता से करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

SK Vision द्वारा, विश्व एनजीओ दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। हमारी यह संस्था अपने कार्यों के द्वारा लोगों को समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में मदद करती है। इस दिवस पर इस वर्ष, हमारी संस्था ने अपने एक मुख्य लक्ष्यों में से एक, लोगों की एडिक्शन से मुक्ति के सम्बन्ध में कार्य किया।

विश्व एनजीओ दिवस के दिन संस्था ने दिलशाद गार्डन स्थित विकल्प रिहैब संस्थान में , वहां के मरीज़ों के मध्य एक कार्यक्रम आयोजित किया। उस आयोजन में वहां के रोगियों के मध्य एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस प्रतियोगिता में संगीत चला कर प्रत्येक व्यक्ति के पास बारी-बारी से बॉल पास किया गया। संगीत के रुकते ही जिसके हाँथ में अंत में बॉल रह जा रहा था, उसे सामने आकर बाउल में से एक चिट निकालनी थी जिसमें उनके ही वहां स्थित किसी साथी का नाम था।

उन्हें, चिट में जिस साथी का नाम आएगा उसके विषय में कुछ बताना था। फिर जिसके नाम की चिट थी, उस व्यक्ति को सामने आकर अपनी पसंद का कोई भी काम जैसे – नृत्य या संगीत कुछ भी करना था।

अंत में जिस व्यक्ति ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया उसे पुरस्कार के रूप में एक-एक बैग प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के मध्य एक-एक बॉल का वितरण किया गया एवं संस्था द्वारा सभी कोखाने- पीने की सामग्री का वितरण करके आयोजन की समाप्ति की गई।

SK Vision Event Watch: National Women’s Day 2024.

राष्ट्रीय महिला दिवस

भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के द्वारा प्राप्त उपलब्धियों को याद करते हुए , उसका जश्न मनाने के रुप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। राष्ट्रीय महिला दिवस ” भारतीय कोकिला ” कही जाने वाली महान स्वतंत्रता सेनानी एवं कवयित्री , सरोजनी नायडू की जयंती के उपलक्ष में मनाते हैं।

यह दिन, विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान एवं भारत निर्माण में उनकी भूमिका को समर्पित है। इस दिन हम महिलाओं द्वारा सामना किये जाने वाले विभिन्न समस्याओं एवं चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करते हैं। इस लेख के माध्यम से हम राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास, महत्त्व एवं अन्य सम्बंधित जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।

राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास –

राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 13 फरवरी 2014 में की गई। सरोजनी नायडू ने महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज़ उठाई तथा उन्हें समाज में समानता का अधिकार देने के उद्देश्य से कई कार्य किये। उन्होंने महिलाओं को देश के प्रति कार्य करने एवं स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया ।

सरोजनी नायडू के महिलाओं के प्रति इन कार्यों के लिए एवं उनके अधिकार के लिए किये गए प्रयत्नों को देखते हुए वर्ष 2014 में यह निर्णय लिया गया की , हर वर्ष 13 जनवरी को सरोजनी नायडू के जयंती के अवसर पर ” राष्ट्रीय महिला दिवस ” (National Women’s Day) मनाया जायेगा।

राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्त्व :

राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के उत्थान एवं विकास की ओर लोगों का ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को सम्मान देने के रूप में मनाते हैं।

इस दिन विभिन्न क्षेत्रों जहाँ महिलाओं का योगदान कम है, जैसे – लिंग आधारित हिंसा , वेतन में असमानता ,राजनीतिक पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व, इत्यादि को प्रकाश में लाने एवं इन पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है।

राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की निरंतर सहायता एवं वकालत की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करता है।

यह सभी लोगों एवं संगठनों को ऐसे समाज के लिए एकजुट होने को कहता है जहाँ महिलाओं का सम्मान किया जाए ,उनकी क्षमता को बढ़ाने का प्रयास किया जाए एवं उन्हें सफल होने का अवसर दिया जाए।

SK Vision द्वारा राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन:

SK Vision Foundation महिलाओं के सशक्तिकरण एवं विकास पर विशेष ज़ोर देता है। संस्था का निरंतर यह प्रयास होता है की वह महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करे एवं उन्हें विभिन्न क्षेत्रों के विषय में जानकारी प्रदान करे ताकि वो समाज में आगे बढ़े और तरक्की कर सके।

SK Vision Foundation का यह मानना है की यदि लड़कियों को सही शिक्षा दी जाये तो वो आगे चलकर एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकतीं हैं । इसी उद्देश्य से SK Vision ने उद्यान संस्था के लड़कियों के आवास में एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया।


इस आयोजन में सर्वप्रथम लड़कियों को अच्छे स्पर्श एवं बुरे स्पर्श ( Good touch Bad touch ) के विषय में जानकारी प्रदान की गई। उन्हें विस्तार में यह समझाने की कोशिश की गई की अच्छे एवं बुरे स्पर्श में अंतर कैसे समझें। जानकारी देने के बाद लड़कियों से उसी विषय से सम्बंधित प्रश्न पूछे गएँ , जिनका उन्हें सही उत्तर देना था।


जिन बच्चों ने प्रश्नों के सही उत्तर दिए उन्हें पुरस्कार प्रदान किये गए। इनके साथ – साथ अतिरिक्त सभी बच्चों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किये गए।

आयोजन का समापन बच्चों के द्वारा नृत्य एवं गीत प्रस्तुत करके एवं SK Vision Foundation द्वारा उनके मध्य खाने पीने  की सामग्री का वितरण करके किया गया।

SK Vision Event Watch: Shaheed Diwas 2024 (30th January).

शहीद दिवस किसे कहते हैं ? शहीद दिवस का इतिहास। शहीद दिवस का महत्व । SK Vision Foundation द्वारा शहीद दिवस का आयोजन। 

शहीद दिवस

देश में शहीद दिवस वर्ष में दो दिन मनाया जाता है – 30 जनवरी तथा 23 मार्च । 30 जनवरी 1948 को महात्मा गाँधी की मृत्यु के उपरांत हम हर वर्ष 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि के रूप में मनाते हैं। इस दिन हम महात्मा गाँधी द्वारा दिए गए बलिदान एवं उनके द्वारा किये गए कार्यों को याद करते हैं एवं उनके द्वारा दिखाए गए अहिंसा एवं सत्य के मार्ग को अपनाने का प्रयास करते हैं।

23 मार्च को हम शहीद दिवस, क्रन्तिकारी भगत सिंह, राजगुरु, एवं सुखदेव के बलिदान को याद करने के रूप में मनाते हैं। 23 मार्च 1931 को आज़ादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले क्रांतिकारियों , सरदार भगत सिंह , सुखदेव एवं राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी।

30 जनवरी- शहीद दिवस का इतिहास :


भारत के इतिहास में 30 जनवरी का महत्वपूर्ण स्थान है। 30 जनवरी 1948 को भारत के काले दिन के रूप में देखते है तथा यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को समर्पित है। क्योंकि इस दिन भारत ने अपने अमूल्य धरोहर , राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को खो दिया था।


30 जनवरी 1948 को महात्मा गाँधी ,नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में गाँधी स्मृति के सामने शाम के समय प्रार्थना कर रहे थे, उसी वक़्त नाथूराम गोडसे नामक एक राष्ट्रवादी नेता ने महात्मा गाँधी की गोली मार कर हत्या कर दी। गोडसे ने गाँधी जी को सीने और पेट में 3 गोलियां मारी थी। नाथूराम को उसके इस अपराध के लिए 1949 को फांसी की सजा सुनाई गई।

लोगों के अनुसार महात्मा गाँधी जी ने मरते वक़्त अंतिम शब्द ” हे राम ” बोला था । उस दिन के बाद से प्रति वर्ष ३० जनवरी को महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि देने के रूप में शहीद दिवस मनाया जाता है।

30 जनवरी – शहीद दिवस का महत्त्व :

30 जनवरी भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन शांति एवं अहिंसा के प्रतिक दिवस के रूप में स्थान रखता है। इस दिन गाँधी जी द्वारा दिए गए ज्ञान एवं आदर्शो को सम्मान पूर्वक याद किया जाता है।

लोगों को उनके आदर्शों पर चलने की लिए प्रेरित किया जाता है। यह दिन देश की आजादी के लिए किये गए बलिदान एवं संघर्ष की याद दिलाता है।

शहीद दिवस के इस मौके पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, तीनों सेना प्रमुख एवं अन्य आला अधिकारी महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं एवं लोगों को महात्मा गाँधी के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

SK विज़न द्वारा शहीद दिवस का आयोजन –


SK विज़न ने 30 जनवरी 2024 को महात्मा गाँधी को स्मरण करते हुए शहीद दिवस का आयोजन किया। यह आयोजन उदयन केयर के बॉयज होम में किया गया। यह संस्था अनाथ बेघर बच्चों को आश्रय देती है एवं उनकी देख-रेख करती है। शहीद दिवस के इस अवसर पर उनके मध्य चित्रकला की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस प्रतियोगिता में बच्चों को देश या देशभक्ति पर आधारित चित्र बनाने थे। बच्चों ने इसमें बड़े उत्साह पूर्वक भाग लिया एवं अपने सुन्दर कला का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के अंत में जिन बच्चों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया उन्हें पुरस्कृत किया गया।

इस प्रतियोगिता के माध्यम से SK विज़न का प्रयास था की वो बच्चों में आत्म-विश्वास जागृत कर सके। संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शहीद दिवस के महत्त्व को बताते हुए , महात्मा गाँधी के आदर्शों एवं मार्ग पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया। बच्चों को महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गए आंदोलनों एवं उन्होंने किस प्रकार देश की आजादी प्राप्ति में अपना योगदान दिया , के विषय में भी जानकारी प्रदान की गई ।

आयोजन के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चे को पुरस्कार प्रदान किये गए। पुरस्कार के तौर पर उन्हें मेडल्स और सर्टिफिकेट प्रदान किये गए । अंततः बच्चों एवं अन्य कर्मचारियों के मध्य खाद्य सामग्री का वितरण किया गया एवं आयोजन का समापन किया गया।

SK Vision Event Watch: Vijay Diwas 2023 (16th Dec)


Digital Literacy Day

SK Vision Event Watch: Digital Literacy Day

डिजिटल लिटरेसी डे क्या है ? यह क्यों मनाया जाता है ? डिजिटल लिटरेसी का क्या महत्व है ?


इस डिजिटल साक्षरता दिवस का आयोजन पटपरगंज स्थित एक सरकारी विद्यालय – सर्वोदय सह-शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में किया गया।

SK Vision Event Watch: National Unity  Day (31 October 2023)

राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर 2023 (National Unity  Day – 31 October 2023)

किसी भी राष्ट्र की समृद्धि, उन्नति एवं शांति के लिए यह आवश्यक है की हम उस राष्ट्र की गरिमा को बनाये रखने का प्रयत्न करें।हम जब भी किसी राष्ट्र की बात करते है तो हमारे सामने ऐसे राष्ट्र की छवि आती है जो अनेकता में एकता का प्रतिक है। 

प्रत्येक देशवासियों को समानता एवं एक दूसरे का सम्मान करने की छवि को दर्शाता है।ऐसा देश जो अपने देश के प्रत्येक वासियों के साथ-साथ अपने अतिथियों का भी सम्मान करता है वह देश ” भारत ” है।  

राष्ट्र की इसी एकता का सम्मान करने के लिए 31 अक्टूबर को “ राष्ट्र एकता दिवस “के रूप में मनाया जाता है। 

राष्ट्रीय एकता दिवस  ( National Unity Day ) :-

31 अक्टूबर 2014 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 148 वीं जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा इस दिन को ” राष्ट्रीय एकता दिवस ” के रूप में मानाने का निर्णय लिया गया।

इस दिन , भारत के ” लौह पुरुष ” कहे जाने वाले – सरदार वल्लभभाई पटेल के द्वारा किये गए कार्यों एवं उनकी ” विविधता में एकता ” की भावना को सम्मान के साथ याद किया जाता है।

इस दिन लोगों को एकजुट होकर रहने एवं समाज के उत्थान के लिये उनके विचारों से अवगत करा कर राष्ट्रहित के लिए कार्य करने को प्रेरित किया जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस विविधताओं में एकता की भावना को प्रदर्शित करने एवं इस भावना को सम्मान देने के रूप में मनाई जाती है।

इस दिन राष्ट्रनिर्माण एवं एकीकरण की भावना को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।

SK Vision Foundation भी राष्ट्र एकता एवं अखंडता की इस भावना का पूर्ण समर्थन करती है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य एवं महत्त्व(Purpose and importance of National Unity Day) :-

राष्ट्र को भारत के ” लौह पुरुष ” कहे जाने वाले महान व्यक्तित्व के धनि एवं राष्ट्र को एकता के एक सूत्र में बांधने वाले ” सरदार वल्लभभाई पटेल ” के द्वारा किये गए कार्यों से अवगत कराने के उद्देश्य से इस दिवस की घोषणा की गई।

राष्ट्रीय एकता दिवस की घोषणा भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में सरदार पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर की गई।

अतः सरदार पटेल द्वारा किये गए राष्ट्र निर्माण एवं एकीकरण के कार्यों को याद करने एवं उनका अनुसरण करने के उद्देश्य से इस दिवस की शुरुआत की गई ।

राष्ट्रीय एकता दिवस महत्व को हम निम्न प्रकार से देख सकते हैं:-

  • इस दिन का उद्देस्य सरदार पटेल के राष्ट्र के प्रति दिए गए योगदान को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना है।
  • यह देश की अखंडता एवं एकता के महत्त्व को दर्शाता है।
  • यह देश में व्याप्त विभिन्न संस्कृति , भाषाओँ एवं परम्पराओं के बिच एकजुटता लाने पर ज़ोर देता है।
  • यह देश की विभिन्नता में एकता के शुत्र को प्रोत्साहित करता है।
  • यह जाती-पाती, आमिर-गरीब आदि के भेद भाव से ऊपर उठ कर लोगों को एकता के एक शुत्र में बांधने पर ज़ोर देता है।
  • यह सरदार पटेल द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण कर राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का इतिहास ( History of National Unity Day):-

राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत 31 अक्टूबर 2014 को हुई। वर्ष 2014 में भारत सरकार ने 31 अक्टूबर को भारत के ” लौह पुरुष ” कहे जाने वाले , सम्पूर्ण राष्ट्र को एकता के एक शुत्र में बांधने वाले ” सरदार वल्लभ भाई पटेल ” की जयंती के रूप में मनाने का निर्णय किया गया।

31 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रीय एकता दिवस के दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में गुजरात में उनकी एक स्टैच्यू का निर्माण कराया। जिसका नाम ” स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी ” रखा गया।

यह दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति के रूप में विख्यात है एवं इसे शंघाई सहयोग संगठन के द्वारा आठवां विश्व आश्चर्य के रूप में घोषित किया गया।

सरदार पटेल ने अपने अथक प्रयास से देश के कई बिखरे राज्यों को एक राष्ट्र के रूप में लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एकता दिवस नाम रखने का कारण यह भी था की सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्र एकता पर विशेष बल देते थे। उन्होंने देश को एकीकृत करने के लिए कई कार्य किये है।

सरदार वल्लभभाई पटेल ( Sardar Vallabh Bhai Patel) :-

बहुमुखी प्रतिभा के धनि सरदार वल्लबभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात के नडियाद में हुआ था । सरदार पटेल का भारत की राजनीती में भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री थे।

वल्लभभाई पटेल के नाम में सरदार जुड़ने का कारण बारडोली सत्याग्रह है। पटेल को बारडोली में सत्याग्रह करने के कारण सर्वप्रथम उन्हें ” बारडोली के सरदार ” के नाम से जाना गया, बाद में उन्हें ” सरदार ” की उपाद्धि प्राप्त हुई।

पटेल को ‘भारत का बिस्मार्क‘ और ‘लौहपुरुष‘ भी कहा जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल अपने गृह मंत्री के पद्ध पर रहते हुए 562 देसी रियासतों को अपने दृढ़ निश्चय से भारत में विलय कर भारतीय एकता के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई । जिस कारण वे ” लौह पुरुष ” के नाम से विख्यात हुए।

15 दिसंबर 1950 को सरदार पटेल ने इस दुनिया को अलविदा कहा।

SK Vision Foundation द्वारा राष्ट्र एकता दिवस का आयोजन (National Unity Day organized by SK Vision Foundation) :-

SK Vision Foundation समाज कल्याण एवं राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करने वाली एक गैर सरकारी संस्था है। यह संस्था जरूरतमंद बच्चों एवं विद्यार्थयों के लिए कई कार्य करती है।

जिसके अंतर्गत संस्था ने स्कूलों में कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं करवाएं है। इसी प्रकार का एक कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता दिवस उपलक्ष में 31 अक्टूबर 2023 को आयोजित कराया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कनॉट प्लेस में स्थित एक अनाथ आश्रम “बाल सहयोग ” नामक संस्था में आयोजित किया गया।

इस दौरान वहां स्थित अनाथ बच्चों के साथ विभिन्न प्रकार की खेल प्रत्योगिता का आयोजन कराया गया। साथ ही उनको स्वास्थय-स्वच्छता पर जानकारी देने के लिए एक छोटा सा आयोजन भी किया गया। जिसमें बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया एवं आनंद लिया।

कार्यक्रम के अंत में बच्चों को पुरस्कर प्रदान किया गया एवं वहां के अधिकारीयों को सम्मान चिन्ह प्रदान किया गया एवं जलपान विस्तृत करके आयोजन का समापन किया गया।

इन कार्यक्रमों को निम्नलिखित उद्देश्य से आयोजित किया गया था :-

  • बच्चों को अपने स्वास्थय का ध्यान कैसे रखा जाये इसकी जानकारी देना।
  • बच्चों को आनंद प्रदान करना।
  • उनको विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • बच्चों को स्वास्थय एवं स्वत्छता की जानकरी देना।
  • बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष :-

इस लेख के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय एकता दिवस की जानकारी प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय एकता दिवस के इतिहास की जानकारी देते हुए इसके महत्व को दर्शाने की कोशिश की गई है।

इस लेख के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के जनक सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन एवं उनके द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी देते हुए लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करने की कोशिश की गई है।

इस लेख के माध्यम से SK Vision Foundation द्वारा किये गए कार्यों को भी उल्लेखित किया गया है।

FAQ

१) राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है ?
भारत सरकार द्वारा साल 2014 में सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की गई। इस दिन सरदार पटेल द्वारा किये गए असाधारण कार्यों को याद कर, नागरिकों को उनके दिखाए गए रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है।

२) राष्ट्रीय एकता क्या अर्थ है ?
भारत को अनेकता में एकता के प्रतिक के रूप में जाना जाता है। यह ऐसे राष्ट्र को दर्शाता है जहाँ विभिन्न जाती , संस्कृति , समाज के लोगों के रहते हुए भी उनमें सामंजस्य एवं एकता की भावना देखने को मिलती है। एकता की यही भावना लोगों को एक सूत्र में बांधने का काम करती है।

३) राष्ट्रीय एकता दिवस किसकी स्मृति में मनाया जाता है?
स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाता है । इस दिन सरदार पटेल को स्मरण कर उनके कार्यों को याद किया जाता है।

४) सरदार पटेल कौन थे उनका मुख्य योगदान क्या था?
सरदार पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था , जिसके कारण उन्हें भारत का ” लौह पुरुष ” कहा जाता है। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाद में इनका जन्म हुआ था।

५) सरदार पटेल क्यों प्रसिद्ध है?
भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान उल्लेखनीय है। अपने योगदान के लिए उन्हे भारत का ‘लौहपुरुष’ के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल का सबसे बड़ा योगदान 562 छोटी-बड़ी रियासतों को भारतीय संघ में विलीन करके भारतीय एकता का निर्माण करना था एवं राष्ट्र को एकीकृत करना था । विश्व के इतिहास में इनके जैसा कोई व्यक्ति नई हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करके राष्ट्र निर्माण करने का साहस किया हो।

Blood Donation Camp

Blood Donation Camp Organised by SK Vision Foundation On 24th May 2023

शिविर का परिचय एवं महत्त्व

समाज के प्रति कर्त्तव्यनिष्ठता दिखाने के लिए रक्‍तदान से बढ़कर और क्या तरीका होगा। दुनिया में रक्‍तदान सबसे बड़ा दान होता है। हमारी संस्था  SKinRange Vision Foundation समाज कल्याण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत संस्था है । यह विभिन्न तरीकों  से समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती है। 

SKinRange Vision Foundation लोगों को अपनी इसी कर्तव्यनिष्ठता को दिखाने का बहुत अच्छा मौका और मंच प्रदान करती है।रक्‍तदान शिविर किसी भी व्यक्ति द्वारा दिया जाने वाला महान दान है।

कोई व्यक्ति रक्‍तदान द्वारा किसी भी व्यक्ति की जान बचाके समाज के प्रति अपने कर्त्तव्य का निर्वहन कर सकते है।संस्था अपने इन व्यवस्थाों के माध्यम से व्यक्ति को समाज के प्रति अपने इन कर्त्तव्यों का पालन करने में सहायता प्रदान करती है।  SK Vision द्वारा कराई गई रक्‍तदान शिविर का वर्णन निम्नलिखित है।

शिविर का स्थान, तारीख एवं समय

SK Vision द्वारा आयोजित रक्‍तदान शिविर की व्यवस्था Sat Kartar  ग्रुप के नोएडा स्थित ब्रांच में संपन्न हुआ । 

शिविर की तारीख  24 मई  2023 थी। 

शिविर का वर्णन –  

SK Vision द्वारा रक्‍तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया।यह आयोजन Sat Kartar  ग्रुप के नोएडा स्थित ब्रांच में किया गया । इस रक्‍तदान शिविर का आयोजन रक्‍तदान आयोजित करने वाली नोएडा स्थित प्रशिद्ध संस्था – रोटरी क्लब के सहयोग से कराया गया । इस आयोजन की तैयारी 4 बजे से शुरू कर दी गई तथा इसका प्रारम्भ शाम 6 बजे किया गया। यह शिविर 3 घंटे तक शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक चलाई गई । इस शिविर में Sat Kartar ग्रुप के ही कर्मचारियों द्वारा रक्‍तदान किया गया। इस दौरान कुल 16 लगों ने रक्‍तदान कर अपनी भागीदारी दी। शिविर का प्रारम्भ प्रतिभागियों के रजिस्ट्रेशन द्वारा किया गया। उसके बाद अनुभवी डॉक्टर एवं उनकी टीम के द्वारा रक्तदाताओं की पूर्ण  स्वास्थ्य जाँच की गई। 

रक्तदान करने के लिए कुछ योग्यता निर्धारित की गई जिसके आधार पर यह निर्धारित करना था , की व्यक्ति रक्त-दान करने के योग्य है या नहीं :-

BLOOD DONATION CAMP ORGANISED BY SK VISION FOUNDATION
  • सामान्य स्वास्थ्य जाँच में  BP तथा शुगर की शिकायत ना हो । 
  • शरीर में रक्त का स्तर कम से कम 12 यूनिट हो।   
  • व्यक्ति किसी प्रकार का कोई नशा न करता हो।
  • कम से कम 6 महीने  के अंदर व्यक्ति ने कोई रक्तदान न करा हो। 
  • 24 घंटे पहले तक किसी तरह की कोई दवा न खाई हो।

इन सब जांचों  के बाद ही डॉक्टर द्वारा व्यक्ति को रक्तदान करने की सहमती दी जाती है। सभी जाँच होने के बाद रोटरी क्लब के मेडिकल टीम द्वारा भागीदारों  के रक्त लिए गये।  

शिविर का समापन

शिविर का समापन रक्तदान में प्रतिभागी कर्मचारियों को प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रदान करते हुए  किया गया। रक्तदाताओं  को  प्रोत्साहन के लिए सर्टिफिकेट  दिए गए  तथा  पुरस्कार स्वरुप कॉफ़ी मग प्रदान किया गया। 

अंत  में  SK VIsion की डायरेक्टर द्वारा भाषण तथा रक्तदाताओं को प्रोत्साहन दिया गया एवं  SK VIsion के सदस्यों तथा अन्य सभी सदस्यों की सहायता से आयोजन का सफल समापन किया गया।